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Tuesday 8 September 2020

संताल परगना के तीन हजार प्रस्तर औजार कनाडा के ओसलो सग्रहालय में रखे गये है - पंडित अनूप कुमार बाजपेयी | Three thousand stone tools of Santhal Pargana have been kept in the Oslo Museum of Canada - Pandit Anoop Kumar Bajpayee Angika - Ang Pradesh in Media

संताल-परगना की धरोहर को सहजने की जरूरत

राज्य पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग राज्य सग्रंहालय, रांची की ओर से ‘पुरातात्विक धरोहर एवं संरक्षण विषय पर दुमका में संगोष्ठी सह प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

 

संगोष्ठी में एसपी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य सह इतिहासकार डॉ सुरेंद्र झा ने कहा कि विशेष अभियान चलाकर संताल परगना के ऐतिहासिक धरोहरों को सूचीबद्ध कर सहेजने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक धरोहर मलूटी के संरक्षण का जो काम चल रहा है उसमें गुणवत्ता की अनदेखी हो रही है।

 

कार्यक्रम के नोडेल पदाधिकारी एवं संत जेवियर कॉलेज रांची के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ.कमल बोस ने कहा कि पुरातात्विक धरोहरों के प्रति जागरुकता उत्पन्न करना और युवा पीढ़ी को सचेत करना समय की मांग है। पुरातात्विक समृद्धि को न जानना हमारी भूल होगी। पुरातत्ववेत्ता पंडित अनूप कुमार वाजपेयी ने कहा कि झारखंड में पुरातात्विक धरोहर भरे पड़े हैं और उसमें भी संताल परगना अग्रणी है। संताल परगना के तीन हजार प्रस्तर औजार कनाडा के ओसलों सग्रहालय में रखे गये है। उन्होंने दावा किया कि संताल परगना से ही प्रस्तर युग शुरू हुआ था और राजमहल की पहाड़ियों आदिमानवों से संबंधित जीवाश्म है। ऐसे 80 स्थानों को उन्होंने चिह्नित किया है। इतिहासकार डॉ रेणुका नाथ ने कहा कि सरकारी स्तर से संरक्षण के कुछ कार्य किये गये हैं लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। भूगोल के शिक्षक डॉ विनोद कुमार ने बताया कि राजमहल की पहाड़ियों से जब दक्षिण अफ्रिका की पहाड़ियों से सटी हुई थी, उस समय के जीवाश्म मिलते हैं। इतिहासकार डॉ अमरनाथ झा ने कहा कि सौंदर्यीकरण के नाम पर पुरातात्विक धरोहरों की मौलिकता प्रभावित हो रही हैं। संगोष्ठी में सुबोध प्रसाद, धीरज कुमार और अभय कुमार ने भी ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ कमल कुमार बोस और अशोक कुमार सिंह ने किया।

 

चित्राकंन, निबंध व भाषण प्रतियोगिता का परिणाम : पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण को लेकर जूनियर व सीनियर वर्ग में बांटकर चित्राकंन,निबंध व भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गयी। चित्राकंन प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में दीपिका, रोनिक सिंह, रायमा राज ने प्रथम से तृतीय स्थान प्राप्त किया। लिली हांसदा को सांत्वना पुरस्कार मिला। सीनियर में अर्णव चटर्जी ने प्रथम, पूजा कुमारी ने द्वितीय व मनजीत कुमार ने तृतीय स्थान पाया। निबंध में जूनियर वर्ग में तृप्ति केशरी प्रथम,नंदनी गोराई द्वितीय और ब्यूटी मंडल तृतीय रहे। सीनियर वर्ग में सिमरन गुप्ता प्रथम, निशा कुमारी द्वितीय, माम्पी मंडल तृतीय स्थान पर रहे। भाषण प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में नेहा कुमारी प्रथम, मोहित कुमार द्वितीय व रूपा साहा तृतीय स्थान प्राप्त किया। सीनियर वर्ग में गोल्टी हाजरा प्रथम, स्नेहा शर्मा द्वितीय और अमन तनवीर ने तीसरा स्थान पाया।

 

राज्य पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग राज्य सग्रंहालय, रांची की ओर से ‘पुरातात्विक धरोहर एवं संरक्षण विषय पर दुमका में संगोष्ठी सह प्रतियोगिता का आयोजन किया...

 

हिन्दुस्तान टीम,दुमका | Published By: Newswrap

https://www.livehindustan.com/jharkhand/dumka/story-the-need-to-ease-the-heritage-of-santal-parghana-1671838.html

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