राजगीर महोत्सव में दिखेगी स्थानीय विरासत व आधुनिकता की झलक : डीएम
नालंदा। इस वर्ष 25 से 27 नवंबर तक तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव मनाया जाएगा। इस महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को स्थानीय विरासत एवं आधुनिकता की झलक देखने को मिलेगी। यहीं नहीं महोत्सव में बिहार की लोक कला एवं संस्कृति का भी समागम को देखने मौका पर्यटकों को मिलेगा। उक्त बातें अंतर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव 2017 की तैयारी के संबंध में हरदेव भवन के सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने कही। उन्होंने कहा कि पूर्व से चली आ रही परंपरागत ग्राम श्रीमेला, कृषि मेला, दंगल, तांगा सज्जा,तांगा दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन पूर्व से भी बेहतर तरीके से आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा इस वर्ष महोत्सव को यादगार बनाने के लिए कुछ नए आयाम भी जोड़े जाएंगे। डीएम ने कृषि विभाग को कृषि यांत्रिकीकरण मेला के साथ अन्य प्रदर्शनी के अलावा विविधताओं से भरे फूलों की भी आकर्षक प्रदर्शनी लगाने को कहा। उन्होंने बताया कि इस बार भी महोत्सव का मुख्य आकर्षण आधुनिक एवं ज्ञानवर्द्धक पुस्तकों का मेला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। इसके अलावा इस बार महोत्सव में खादी बोर्ड द्वारा भी मेला में स्टॉल लगाया जाएगा।
डीएम ने बताया कि महोत्सव में जो सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे उसमें देश के ख्याति प्राप्त कलाकार भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
वहीं जिले के उभरते हुए कलाकारों को भी मंच पर अवसर दिया जाएगा। इसके अलावा उसी दौरान महिला महोत्सव का भी आयोजन किला मैदान पर आयोजित किया जाएगा। जो महिलाओं की पहली पसंद बन जाएगी। इसके अलावा महोत्सव के दौरान अमन-चैन बना रहे। इसके लिए सछ्वभावना यात्रा निकाली जाएगी। इसमें सभी लोग जाति-पात व के धर्म से उपर उठकर शामिल होंगे। वहीं महोत्सव को चार चांद लगाने के लिए स्थानीय से लेकर साउथ के व्यंजनों का स्टॉल लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त मत्स्य विभाग द्वारा अस्थायी तालाब का निर्माण कर उसमें विभिन्न प्रवेधों की मछलियां तैरते नजर आएगी। वहीं पहली बार महोत्सव में सभ्य समाज के लिए अभिशाप बने दहेज प्रथा एवं बाल विवाह उन्मूलन पर आधारित प्रसिद्ध सैंड आर्ट भी देखने को मिलेगी। इसके अलावा विभिन्न तरह के खेल प्रतियोगिताएं, नुक्कड़ नाटक, फिल्म फेस्टिबल एवं विभिन्न विभागों द्वारा शुरु की गई नवीन परियोजनाओं की भी प्रदर्शनी महोत्सव में आने वालों के लिए जानकारी का माध्यम बनेगा। डीएम ने जनसंपर्क विभाग को निर्देश दिया कि अभी से महोत्सव के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार पूरे देश में हो सके इसकी व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने कहा कि खासकर देशी-विदेशी पर्यटकों की पसंद स्थल बनारस, दिल्ली, आगरा तथा गया आदि में राजगीर महोत्सव में जरूर प्रचार-प्रसार कराएं। वहीं राज्य के सभी जिलों में इस महोत्सव से संबंधित होर्डिंग एवं बैनर लगाना शुरू करने का निर्देश डीएम ने दिया। उन्होंने कहा कि इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए एफएम रेडियो तथा टेलीविजन को भी माध्यम बनाया जाय। डीएम ने कहा कि महोत्सव में पहली बार मधुबनी पें¨टग, पत्थर कट्टी की मूर्ति कला एवं जहानाबाद का गोल्डन फाइबर आर्ट का भी प्रदर्शनी लगाया जाएगा। इसमें नव नालंदा महाविहार एवं अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय तथा सैनिक स्कूल का भी स्टॉल होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में ऐसे बहुत पुरातात्विक स्थल हैं जिसका बहुत प्रसिद्ध नहीं है उनसे संबंधित भी एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी। ताकि लोग उन विरासतों से भी अवगत हो सके। उन्होंने बताया कि वैसे तो महोत्सव का मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रम 25 से 27 नवंबर तक आयोजित होगा। लेकिन जो स्टॉल लगाए हैं वे 2 दिसम्बर तक मौजूद रहेंगे। डीएम ने बताया कि पहली बार महोत्सव में राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन भी आयोजित किया जा रहा है। इस कवि सम्मेलन में ¨हदी व उर्दू के अलावा राज्य की सभी क्षेत्रीय भाषाओं जैसे भोजपुरी, मैथिली, मगही, बज्जिका व अंगिका आदि के प्रसिद्ध कवियों का समागम होगा। बैठक में डीआरडीए निदेशक संतोष कुमार श्रीवास्तव, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सुबोध कुमार ¨सह, वरीय उप समाहर्ता प्रमोद कुमार, राम बाबू, सुरेन्द्र कुमार,रविन्द्र राम, डीटीओ शैलेन्द्र नाथ, प्रभारी नगर आयुक्त बृजेश कुमार, डीसीएलआर राजगीर प्रभात कुमार, डीएसओ रविशंकर उरांव, कार्यपालक दंडाधिकारी मुजफ्फर बुलन्द अख्तर, डीइओ डॉ. विमल ठाकुर, सीएस डॉ. सुबोध प्रसाद ¨सह आदि संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे।
(http://www.jagran.com/bihar/nalanda-rajgir-mahotsav-16952172.html)
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