अररिया,१३ मई,२०१७। संविधान की आठवीं सूची अंगिका भाषा को स्थान देने की मांग को लेकर शनिवार को अंगिका समाज के लोगों ने एक दिवसीय धरना दिया। धरना में वक्ताओं ने अंगिका भाषा पर अपने अपने विचार व्यक्त किए।
धरना का नेतृत्व कर रहे जिला सचिव जय कुमार ने कहा कि अंगिका भाषा देश की प्राचीन भाषाओं में एक है। लेकिन इस भाषा को हमेशा से उपेक्षित किया जाता रहा है। उन्होंने संविधान की अष्टम सूची में इस भाषा को स्थान देने के साथ साथ स्कूल कॉलेजों में पढ़ाई और सरकारी कार्यालयों में भी अंगिका का प्रयोग करने की मांग की। वही धरना को संबोधित करते अधिवक्ता सह सहायक जिला सचिव राम रतन ने रेलवे स्टेशनों पर अंगिका भाषा का प्रयोग होने की आवाज बुलंद की।
धरना में उपस्थित केन्द्रीय सचिव विश्वजीत ने कहा कि अंगिका भाषा आज समाज में उपेक्षित हो गया है। जबकि यह भाषा प्राचीन है। उन्होंने सरकार से कृषि आधारित उद्योग लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सीमांचल की भूमि काफी उर्वरा है। यहां के खेतों में उर्वरा शक्ति प्रचुर है। लेकिन सरकार के स्तर से उपेक्षित होने के कारण यहां के किसानों की स्थिति दयनीय हो गई है। उन्होंने अंगिका भाषा को स्थान दिलाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन छेड़ने की अपील आम लोगों से की।
धरना को सफल बनाने में जगदीश जी, रमेश जी, धर्मनाथ जी, जय प्रकाश जी, लक्ष्मी नारायणजी, अर्जुन लाल जी, दिनेश, नीरज, अरूण यादव, शिवानंद जी आदि महत्वपूर्ण भागीदारी दी।
(http://www.jagran.com/bihar/araria-anika-lanuae-demand-in-collee-and-school-level-16019755.html)
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