अंगिका भाषा के सम्मान में सैंडिस कंपाउंड में एक-दूजे का हाथ थाम बनी मानव श्रृंखला
अंगिका भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर शहर के ऐतिहासिक सैंडिस कंपाउंड में रविवार को मानव श्रृंखला बनी। इस दौरान उमड़े अंगिकाप्रेमियों के हुजूम ने एक-दूजे के हाथ पकड़ शासन-सत्ता को यह संदेश दिया कि अंगिका भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल न होने तक ये हाथ न केवल एक-दूजे से जुड़े रहेंगे बल्कि हक-हकूक की खातिर निर्णायक वोटिंग भी करेंगे।
सुबह 10 बजे से ही सैंडिस कंपाउंड में अंगिकाप्रेमियों का आना शुरू हो गया था। अंगिका भाषा के सम्मान में दलीय, महजब एवं वर्ग की दीवार ढहती दिखी और हरेक शख्स अंगिका के प्रेम में रंग चुका था। दोपहर 11.45 बजे तक सैंडिस कंपाउंड परिसर पूरी तरह से लोगों से भर चुका था। करीब 12 बजे से मानव शृंखला बननी शुरू हो गयी। वहीं 12.25 बजे तक मानव शृंखला पूरी तरह से बन चुकी थी। एक-दूजे का हाथ थामे अंगिकाप्रेमी अंगिका भाषा के सम्मान में नारे लगा रहे थे तो मांग पूरी न होने तक निर्णायक आंदोलन के लिए शासन-सत्ता को अगाह भी कर रहे थे।
इस दौरान प्रस्तुत किया गया अंगिका-संथाली नृत्य अंगिका क्षेत्र की समृद्ध लोक संस्कृति को दर्शा रहा था तो अमर शहीद तिलकामांझी, बाबा बिशु राउत, संत मेंहीं दास, विषहरी भगत का रूप धारण किये लोग अंग की माटी की ऐतिहासिकता का बखान कर रहे थे।
मानव शृंखला में भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा, पूर्व महापौर डॉ. वीणा यादव, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष शंभू दयाल खेतान, भाजपा जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय, प्रदेश महासचिव जदयू विभूति गोस्वामी, आईएमए भागलपुर के अध्यक्ष डॉ. सीएम उपाध्याय, डॉ. डीपी सिंह, डॉ. अजय कुमार सिंह, बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बीरेश कुमार मिश्रा, आईडीए भागलपुर के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार, साहित्यकार डॉ. अमरेंद्र, आयोजन समिति के संयोजक गौतम सुमन, जदयू नेता पप्पू सिंह, प्रो. देव ज्योति मुखर्जी, अजीत सिंह, नीशू सिंह समेत करीब तीन दर्जन से अधिक संगठनों के सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.