Search Angika in Media

Tuesday 22 October 2013

झारखंड शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के बयान पर घटक दलों ने खोला मोरचा, विपक्षी भी उबले

राँची,२२अक्टूबर,२०१३ । शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने टेट पास भोजपुरी उम्मीदवारों का रिजल्ट रद्द करने की बात कही है. शिक्षा मंत्री के इस बयान का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया है. कहा है कि मंत्री के इस बयान से सामाजिक समरसता बिगड़ेगी और राज्य में एक बार फिर अशांति का माहौल बनेगा.

भाजपा ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है. वहीं जदयू ने भी विरोध में शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका. इधर, सरकार के घटक दलों में भी मंत्री के  इस बयान के बाद से हलचल मची है. राजद ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि गीताश्री के बयान का कोई मतलब नहीं है. सरकार में शामिल लोगों को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए.

वहीं गीताश्री के इस बयान पर कांग्रेस की भी परेशानी बढ़ी है. सरकार में शामिल कांग्रेस के मंत्री ददई दुबे भी इस बयान से सहमत नहीं हैं. सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक विदेश सिंह भी इस बयान से नाराज हैं. गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री ने पूर्व में भी इस तरह के कई विवादास्पद बयान दिये हैं.

- भाजपा

* तरस आती है मंत्री के सोच पर

शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पार्टी ने कहा है कि मंत्री भाषा के नाम पर लोगों को लड़ाना चाहती हैं. इससे सरकार को इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए,

* सामाजिक समरसता बिगाड़ रहीं हैं मंत्री

पूर्व स्पीकर सीपी सिंह ने शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि भोजपुरी भाषा से टेट पास करनेवाले छात्रों की पात्रता रद्द की जायेगी, पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. श्री सिंह ने कहा है कि शिक्षा मंत्री राज्य में सामाजिक समरसता बिगाड़ने का काम कर रहीं हैं. राज्य में रहनेवालों को नौकरी के नाम पर लड़ाने का प्रयास हो रहा है. सरकार में शामिल लोग राज्य हित में काम करने के बजाय, समाज तोड़ने में लगे हैं.

मंत्री भाषा के नाम पर विद्वेष फैलाने का काम कर रहीं हैं. भोजपुरी राज्य में पलामू, उत्तरी छोटानागपुर सहित कई हिस्से में बोले जानेवाली भाषा है. राज्य की बड़ी आबादी का इसके प्रति लगाव है. शिक्षा मंत्री के बयान से राज्य के बड़े वर्ग के सम्मान को धक्का लगा है. मंत्री जैसे जवाबदेही के पद पर बैठे लोग अपने कर्तव्य भूल रहे हैं. छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. राज्य में इस तरह की बयानबाजी से भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है. शिक्षा मंत्री के बयान के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए सरकार का पक्ष रखना चाहिए.

* तरस आती है शिक्षा मंत्री के सोच पर

राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव की उस बयान की आलोचना की है, जिसमें कहा गया है कि टेट में भोजपुरी सहित अन्य गैर जनजातीय भाषा की परीक्षा देकर पास होने वाले अभ्यर्थियों का रिजल्ट रद्द किया जायेगा. श्री दास ने मंत्री के इस बयान को अनुचित करार देते हुए कहा कि इनकी सोच पर तरस आता है. जिस नियमामवली का मंत्री विरोध कर रही हैं, उसे कैबिनेट की मंजूरी मिली हुई है.

सरकार ने क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा की सूची में ही बांग्ला, ओड़िया, मगही, भोजपुरी और अंगिका को शामिल किया है.ऐसे में परीक्षा लेने के बाद इस प्रकार की बात कहना समझ से परे है. उन्होंने कहा कि सरकार को पहले स्थानीयता को परिभाषित करना चाहिए. इसके बाद ही स्थानीय लोगों को नौकरी में प्राथमिकता देने की बात करनी चाहिए.

* भाषा के नाम पर लोगों को लड़ा रही

भाजपा रांची महानगर के अध्यक्ष सत्य नारायण सिंह ने शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव की ओर से भोजपुरी भाषा के उम्मीदवारों को अयोग्य करार दिये जाने के बयान पर विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता इस प्रकार का बयान देकर लोगों को जाति एवं भाषा के आधार पर लड़ाने का काम कर रहे हैं. टेट परीक्षा में भोजपुरी भाषा के अभ्यर्थी नियमसम्मत परीक्षा देकर सफल हुए हैं. ऐसे में उन्हें अयोग्य करार देने की बात कहना न्यायसंगत नहीं है. अगर टेट को आधार मान कर बहाली नहीं की गयी, तो पार्टी सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी.

* सर्वदलीय बैठक बुलाये सरकार

भाजपा ने शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. प्रदेश प्रवक्ता प्रेम मित्तल ने कहा कि सरकार के  नियमों के तहत टेट परीक्षा ली गयी. इसमें भोजपुरी भाषा के अभ्यर्थी सफल हुए. ऐसे में शिक्षा मंत्री को सोच-समझ कर बयान देना चाहिए. इस राज्य में हजारों छात्रों ने भोजपुरी भाषा में परीक्षा दी है. उन्हें अयोग्य करार देना न्यायसंगत नहीं है.

* कांग्रेस नेता भी नाराज

गीताश्री उरांव के बयान को पार्टी ने भी गंभीरता से लिया है. पार्टी शिक्षा मंत्री के बयान से नाराज है. पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि इससे पार्टी की छवि पर असर पड़ेगा. कांग्रेस क्षेत्रीय दल नहीं है. राष्ट्रीय पार्टी में रह कर इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए. इससे पार्टी कार्यकर्ताओं पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. सूचना के अनुसार, कांग्रेस के कई नेता प्रदेश प्रभारी और दूसरे राष्ट्रीय नेताओं तक मंत्री के बयान को पहुंचायेंगे. पूरे मामले में शिक्षा मंत्री से पार्टी स्पष्टीकरण पूछ सकती है. शिक्षा मंत्री के बयान पर पार्टी पदाधिकारी फिलहाल चुप्पी साध रहे हैं.

* यहां रहनेवाला हर व्यक्ति झारखंडी

ग्रामीण विकास मंत्री ददई दुबे ने कहा है कि गीताश्री उरांव उनकी पार्टी की हैं. सरकार में मंत्री हैं. उनके बयान पर कुछ नहीं कहना है, लेकिन मेरा मानना है कि झारखंड में रहनेवाला हर व्यक्ति झारखंडी है. सभी को समान अधिकार है. किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए. झारखंड में कोई बाहरी-भीतरी का मामला नहीं है. सभी लोग यहां मिल कर रहते हैं. कोई भी मंत्री हो, उसके बोल देने से कुछ नहीं होता है.

- राजद

शिक्षा मंत्री भ्रामक बात न करें

राजद के प्रदेश अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह ने कहा है कि शिक्षा मंत्री का बयान राज्य में भ्रम फैलानेवाला है. शिक्षा मंत्री में समझदारी का अभाव है. उनका बयान चिंता का विषय है. मंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. राज्य के तीन प्रमंडलों में भोजपुरी बोली जाती है. पलामू, उत्तरी छोटानागपुर और संताल परगना में भोजपुरी बोली जाती है. आजादी के पहले से भोजपुरी भाषा-भाषी यहां रह रहे हैं.

मंत्री को जवाबदेही के तहत काम करना चाहिए. मगही, अंगिका सहित कई भाषा बोलनेवाले लोग भी यहां रहते हैं. छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए. उधर पार्टी उपाध्यक्ष सह प्रदेश प्रवक्ता राजेश यादव ने कहा कि शिक्षा मंत्री को सरकार की ओर से बनायी गयी नीति को देख कर बयान देना चाहिए. टेट की परीक्षा में भोजपुरी के साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया गया था. शिक्षा मंत्री ने  सरकार को कठघरे में शामिल करने का काम किया है.

* मंत्री जी ! सरकार ने ही बनायी नियमावली

शिक्षक पात्रता परीक्षा में भोजपुरी भाषा से पास उम्मीदवारों का रिजल्ट रद्दे करने के शिक्षा मंत्री के बयान के बाद चारों तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है. लेकिन इस पूरे मामले का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि राज्य के किस जिले में कौन सी क्षेत्रीय भाषा होगी यह झारखंड सरकार ने ही तय कर रखी है. शिक्षक नियुक्ति नियमावली में इसका जिक्र है.

सरकार द्वारा इन भाषाओं को शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल करने की अनुमति दी गयी है. इसके बाद इन भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा के रूप में शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल किया गया है.  ऐसे में शिक्षा मंत्री का बयान समझ से परे है.  हालांकि पूर्व में भी मंत्री ने इस तरह के कई बयान दिये हैं.

गौरतलब है कि क्षेत्रीय भाषाओं को परीक्षा में शामिल करने में झारखंड एकेडमिक काउंसिल की कोई भूमिका नहीं है. परीक्षा को लेकर सभी निर्देश मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा दिया गया है. शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुरूप ही झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इन भाषाओं को परीक्षा में शामिल किया है. इससे पूर्व वर्ष 2010 में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी क्षेत्रीय भाषा के रूप में इनको परीक्षा में शामिल किया गया था.

इधर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में भोजपुरी भाषा में 4,148 परीक्षार्थी सफल हुए हैं. कक्षा एक से पांच तक की परीक्षा में 618 व छह से आठ तक में 3,530 परीक्षार्थी परीक्षा में सफल हुए हैं. भोजपुरी भाषा को राज्य के तीन जिलों से टेट में क्षेत्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी गयी थी. लातेहार, पलामू व गढ़वा जिले के परीक्षार्थियों को भोजुपरी को क्षेत्रीय भाषा के रूप में रखने की अनुमति दी गयी थी. भोजपुरी के अलावा मगही, अंगिका, बांगला व ओड़िया को भी क्षेत्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी गयी थी.

* भोजपुरी से टेट में पास हैं 4148 विद्यार्थी

सफल विद्यार्थी

भाषा         एक से पांच    छह से आठ

बांग्ला        1996        3203

ओड़िया        241        373

मगही        3257        5589

भोजपुरी        618        3530

अंगिका        2371        5484

- जिलावार भाषा

* मगही : लातेहार, पलामू, गढ़वा

* भोजपुरी : लातेहार, पलामू, गढ़वा

* अंगिका  : देवघर, गोड्डा, पाकुड़, साहेबगंज, जामताड़ा, दुमका

* बांग्ला : रांची, खूंटी, दुमका, जामताड़ा, साहेबगंज, पाकुड़, सरायकेला-खरसावां

* ओड़िया : प. सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां

विधानसभा में मामला उठायेंगे : विदेश सिंह

निर्दलीय विधायक विदेश सिंह ने कहा है कि राज्य किसी एक का नहीं है. यहां सबको रहने और रोजगार पाने का अधिकार है. भोजपुरी के लिए हम संघर्ष करेंगे. दूसरी भाषाओं को जो अधिकार है, वही अधिकार भोजपुरी को मिलना चाहिए. दूसरे को मान्यता मिलेगी, तो भोजपुरी को क्यों नहीं. पलामू सहित राज्य के कई हिस्से में भोजपुरी बोली जाती है. भोजपुरी के लिए विधानसभा में भी मामला उठायेंगे.

(http://www.prabhatkhabar.com/news/55981-Education-Minister-Geetasri-Oram-Tate-Bhojpuri-candidate-canceled-Result-language-party-meeting.html)

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.

Search Angika in Media

Carousel Display

अंगिकामीडिया कवरेज

वेब प नवीनतम व प्राचीनतम अंगिका मीडिया कवरेज के वृहत संग्रह

A Collection of latest and oldest Media Coverage of Angika on the web




संपर्क सूत्र

Name

Email *

Message *