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Wednesday 9 September 2020

अंग-प्रदेश के पर्वतों, जंगलों को उजाड़ा जाना मानव जीवन के लिए खतरे की घंटी - पंडित अनूप कुमार वाजपेयी | Desolation of mountains, forests of Ang Pradesh, danger bell for human life - Pandit Anup Kumar Vajpayee | Angika, Ang Pradesh in Media

सदियों से झेल रहे भूकंप की मार

 Publish Date:Tue, 12 May 2015 08:15 PM (IST)

दुमका । पुरातत्व के जानकार पंडित अनूप कुमार वाजपेयी का दावा है कि संताल परगना क्षेत्र में प्रलयंकारी भूकंप कई बार आया था। पंडित अनूप के मुताबिक संताल परगना के भौगोलिक परिस्थितियों को पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बांट कर देखने से पता चलता है कि तकरीबन 30 हजार करोड़ वर्ष पूर्व से लेकर सात हजार वर्ष पूर्व तक कई बार भूकंप से भीषण तबाही हुई है। इसकी संपुष्टि धरती के नीचे छिपे जीवाश्म व अन्य सामग्रियों से होती है। इस इलाके की पहाड़ी क्षेत्रों की विशेषता यह है कि पेड़ों के जीवाश्म अब भी अपने स्थान पर खड़े हैं जबकि मैदानी इलाकों के वृक्ष जमीन के उपर और इससे अधिक धरती के नीचे हैं। पंडित अनूप के मुताबिक ये सब भूकंप की वजह से ही हुआ था।

 

साहिबगंज जिला के कठघर में अनाजों की शक्ल में मिलने वाले पत्थर जीवाश्म हैं। दुमका के हिजला मेला परिसर में एक वृक्ष का जीवाश्म अब भी विराजमान है। हालांकि इतिहासकार व भूगर्भशास्त्रियों का कहना है कि 30 हजार करोड़ वर्ष पूर्व धरती पर मानव नहीं थे लेकिन राजमहल पहाड़ियों पर ऐसे साक्ष्य पाए गए हैं जिससे एहसास होता है कि इस इलाके में भीमकाय मानव, चौपाया जानवर व रेंगेने वाले विशाल जीव थे जो भूर्गभीय हलचलों से लुप्त हो गए थे। पंडित अनूप का दावा है कि संताल परगना से सटे भागलपुर और साहिबगंज के मैदानी भाग में हजारों वर्ष पूर्व से बस्तियां दफन हैं जिससे संबंधित साक्ष्य भी उनके पास मौजूद हैं जिन्हें उन्होंने खोज के दौरान पाया है। पंडित अनूप के मुताबिक ये साक्ष्य मोहनजोदड़ो-हड़प्पा सभ्यता के कद को आदमकद नहीं रहने देते हैं। बहरहाल, संताल परगना की जमीन पर भूकंप के महसूस किये जा रहे झटकों पर पंडित अनूप का स्पष्ट मनाना है कि भविष्य के लिए यह खतरनाक संकेत जरुर है। जिस अंदाज व रफ्तार से यहां के पर्वत व वृक्षों को उजाड़ा जा रहा है वह मानव जीवन के लिए खतरे की घंटी है।

 

 

आज झटका जोर का था ..

दिन के तकरीबन 12 बजकर 38 मिनट पर एक बार फिर धरती कांप उठी और इसका एहसास सबको हुआ। मंगलवार को आया भूकंप का झटका पिछले दिन आए भूकंप से ज्यादा तीव्र था। लोग दफ्तर, दुकान, घर से निकल कर सड़कों पर जमा हो गए और उनके चेहरे पर उड़ रही हवाईयां भूकंप के दहशत की गवाही दे रही थी। हालांकि भूकंप से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इधर जिले के ग्रामीण इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं। जामा, जरमुंडी, सरैयाहाट, नोनीहाट, रानीश्वर, शिकारीपाड़ा, काठीकुंड, गोपीकांदर, रामगढ़, मसलिया समेत ग्रामीण इलाकों में भूकंप के झटका से ग्रामीण भयभीत हैं।

 https://www.jagran.com/jharkhand/dumka-12357408.html

 

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